आईईएलआरसी के संबंध में:

संस्था के बारे में:

अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण कानून शोध केंद्र (आईईएलआरसी) एक स्वतंत्र, गैर-लाभकारी संस्था है जिसकी स्थापना 1995 में हुई। यह स्विस सिविल कोड के अनुच्छेद 60 एफ एफ के तहत स्विस संगठन के रुप में गठित हुआ। इसके स्विट्जरलैंड (जेनेवा), यू.के. (लंदन) और केन्या (नैरोबी) में कार्यालय हैं, और भारत में विशेषज्ञता के संजाल से लाभ उठाता है।

आईईएलआरसी उत्तर और दक्षिण में शोधार्थियों के बीच सहयोगात्मक सहयोग के लिए अद्वितीय मंच प्रदान करता है। उत्तर और दक्षिण में योग्यता/सामर्थ्य के सशक्त संजाल और जेनेवा और नैरोबी में इसके दो कार्यालयों जहां अत्यधिक सार्थक अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण शासन प्रणाली से जुड़े निर्णय लिए जाते हैं, को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नीतिगत - प्रासंगिक शोध प्रदान करने के लिए इसकी अद्वितीय स्थिति है।


 

दृष्टिकोण:

आईईएलआरसी का उद्देश्य ऐसा कानूनी, शैक्षणिक माहौल तैयार करने और उसके क्रियान्यवन में सहयोग करना है, जो अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में निष्पक्षता और निरंतर संवाद के साथ पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के प्रयोग को बढ़ावा दे

अभियान:

आईईएलआरसी का प्रमुख अभियान उत्तर–दक्षिण के परिप्रेक्ष्य में पर्यावरणीय नीतियों से जुड़े शैक्षणिक शोध को आगे बढ़ाना है। आईईएलआरसी विशेष रूप से कानूनी शैक्षणिक ढांचा तैयार करने में मदद करती है, जो स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण प्रबंधन को निरंतर और निष्पक्ष रूप से बढ़ाए। साथ ही उत्तर–दक्षिण के शोध समुदाय और नीति–निर्माताओं के बीच सम्बन्ध मजबूत करे।

नीतियां

आईईएलआरसी ने काम के लिए दूसरों से बिलकुल अलग दृष्टिकोण अपना रखा है।

अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण कानून सम्बन्धी मुद्दे आईईएलआरसी की पहली प्राथमिकता हैं। इसके अलावा जैव विविधताएं पर्यावरण परिवर्तन जैसे मुद्दे भी शामिल हैं।

आईईएलआरसी इन मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में परखता है, खासकर उत्तर–दक्षिण के समानान्तर विषय।

 

 

आईईएलआरसी इन मुद्दों का राष्ट्रीय और स्थानीय परिप्रेक्ष्य में भी विष्‍लेषण करता है। ऐसे मामलों में आईईएलआरसी देखता है कि क्या राष्ट्रीय स्तर पर इन मुद्दों में अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन किया गया है।

 

आईईएलआरसी उन तमाम मुद्दों के लिए काम करता है, जो कहीं न कहीं पर्यावरण से जुड़े हुए हैं।

आईईएलआरसी बौद्धिक संपत्ति अधिकार के पर्यावरण प्रबंधन के प्रभाव पर भी केंद्रित है, खासकर नई जैव तकनीक के विकास के संदर्भ में।

   

इसके अलावा आईईएलआरसी अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर मानव अधिकारों की यथार्थता और समुचित पर्यावरण प्रबंधन पर भी ध्यान देता है।

 

आईईएलआरसी सामान्य नीतियों और मुद्दों के साथ–साथ कुछ विशेष मुद्दों के लिए भी काम करता है।

आईईएलआरसी ने सामान्य वैचारिक मुद्दों पर भी काम किया है, जैसे–संपत्ति के अधिकार की पर्यावरण प्रबंधन में क्या भूमिका है या अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण संधि में निष्पक्षता किस सीमा तक सहायक है।

   

आईईएलआरसी ने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर कहीं अधिक विशेष विकास कार्य जैसे जैव सुरक्षा के ढांचे, कृर्षि क्षेत्र में डबल्यू. टी. ओ आधारित बौद्धिक संपदा अधिकार पर भी कार्य किया है ।

 

आईईएलआरसी जानती है कि उचित कानूनी ढांचे का महत्व उनके सुधारों को निष्चित नहीं करता । अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दे को भी आईईएलआरसी के कार्यक्रमों में विशेषरूप से महत्व दिया गया है ।

आईईएलआरसी ने खास विकसित देशों में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय समझौतों जैसे कि ‘बायोडायवर्सिटी कन्वेन्सन‘ और डबल्यू.टी. ओ. स्तर के पर्यावरणीय कार्यों को पूरा किया है ।

 

आईईएलआरसी के पास क्षेत्रीय, राष्ट्रीय स्तर के आंकड़ों और सूचनाओं का अच्छा संग्रह है, जो शोध में मददगार है।

 

हमारी कार्ययोजनाओं के दो प्रमुख क्षेत्र हैं।

पूर्वी अ‍फ्रीका

भारत

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